जी20 के नेताओं ने COVID-19 के किफायती निदान को लेकर प्रतिबद्धता जताई, दो दिवसीय सम्मेलन के बाद अंतिम घोषणापत्र जारी किया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत G20 के सदस्य देशों के नेताओं ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि सभी के लिए Covid-19 के निदान, उपचार और टीके किफायती और समान तरीके से उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. उन्होंने महामारी के मद्देनजर लोगों की जिंदगियों, रोजगारों और आय की सुरक्षा के लिए हरसंभव नीतिगत साधनों के उपयोग का भी संकल्प लिया. जी20 के सदस्य देशों के नेताओं के दो दिवसीय सम्मेलन के बाद अंतिम घोषणापत्र जारी किया गया. सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी भाग लिया. नेताओं ने यह घोषणा भी कि 2023 में समूह के सम्मेलन की मेजबानी भारत करेगा.
G20 रियाद सम्मेलन में नेताओं का घोषणापत्र दुनिया की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं के शासन प्रमुखों या राष्ट्राध्यक्षों के सम्मेलन के समापन पर जारी किया गया. इसमें नेताओं ने कहा है कि 2020 में महामारी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है, वहीं वैश्विक आर्थिक गतिविधियां आंशिक रूप से बढ़ी हैं और ‘‘हमारी अर्थव्यवस्थाएं धीरे-धीरे फिर से खुली हैं तथा हमारी महत्वपूर्ण नीतिगत पहलों के सकारात्मक प्रभाव फलीभूत होने लगे हैं.” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था का उबरना ‘असमान, अत्यंत अनिश्चित और बढ़ते नकारात्मक जोखिमों पर निर्भर है.’
जी20 के नेताओं ने धनशोधन रोधी/आतंकवाद वित्तपोषण रोधी नीतिगत कार्रवाइयों का भी समर्थन किया जिनका विवरण कोविड-19 पर एफएटीएफ के पत्र में है. उन्होंने धनशोधन, आतंकवाद के वित्तपोषण तथा शस्त्र प्रसार के लिए आर्थिक मदद की रोकथाम के लिहाज से वैश्विक मानक निर्धारण इकाई के तौर पर ‘वित्तीय कार्रवाई कार्य बल’ (एफएटीएफ) के प्रति अपना समर्थन दोहराया.