सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मिलेनियम पार्क के 1 एकड़ क्षेत्र में रैपिड रेल ट्रांजिट लाइन के निर्माण को हरी झंडी दिखा दी है. इस एलिवेटेड लाइन का निर्माण दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर रैपिड रेल के लिए होना है. बता दें कि वर्ष 1996 में सुप्रीम कोर्ट ने इस क्षेत्र में किसी भी निर्माण से मना किया था. लेकिन आज कोर्ट ने पुराने आदेश में बदलाव किया है और रैपिड रेल ट्रांजिट लाइन के निर्माण को इजाजत दी है.
दिल्ली और पानीपत के बीच रैपिड रेल कॉरिडोर बनने से दोनों शहरों के बीच की दूरी महज 45 मिनट की रह जाएगी. रैपिड रेल लाइन करीब 111 किलोमीटर लंबी होगी. इसमें करीब 88.7 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में है. दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर में सराय काले खां सहित समेत 17 रिजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम स्टेशन होंगे.
पानीपत में भी इसके पांच स्टेशन बनाए जाएंगे. जबकि भैंसवाल गांव में करीब 125 एकड़ में डिपो तैयार किया जाएगा. नए प्लान के तहत हाइवे के साथ पुल पर ट्रेन चलेगी. बताते चलें कि दिल्ली से अलवर के बीच रैपिड रेल प्रोजेक्ट का काम पहले ही शुरू हो चुका है. रैपिड रेल के पहले कॉरिडोर के तहत दिल्ली के कालेखां से अलवर के एसएनबी तक कार्य होना है. रैपिड रेल के पहले चरण का काम 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.